Tuesday, April 3, 2012

जीवन और मृत्यु के बीच का अंतराल कटाक्ष नहीं होता! जब मृत्यु दिखती है तो वह भयानक दिखती है! हर परीक्षण की रपट आते ही आप काँप जाते हैं! जाने किस तस्वीर के उतरने के बाद ,मैं मरने वाला गोषित किया जाऊं?इंसान हर उस भगवान् को याद करता है जिस का वह नाम जानता हो और हर उस इंसान को भी जो इस समय भी रिश्तों को परखता होता है!और जब आप की सोंचने की शक्ति और पूरा सोंचने का निज़ाम बीमार हो जाता है तो आप बिस्तर पर पड़े एक मांस के टुकड़े की तरह हो जाते हैं! आप देखते हैं कि आप की पूरी दुनिया कहाँ तक सिमट गयी है!

और वह क्या कर रहे होते हैं , आप के प्यारे कहलाने वाले? क्या कर रहे होते हैं वह? छोडिये किसी की क्या बात करनी?

हाँ कोई साथ चलता है क्यूंकि उस को चलना ही होता है किसी भी तरह!

3 comments:

  1. और वह क्या कर रहे होते हैं, आप के प्यारे कहलाने वाले?

    कभी बेख़बर होते हैं, कभी यह जानते नहीं कि क्या करें, क्या कहें और कभी अपने ही संशयों (अपनी बीमारी, लाचारी और मृत्यु के भय) में घिरे होते हैं आप के प्यारे कहलाने वाले.

    जो साथ चले याद रहे और जो न चले वो भी भूल नहीं...
    Peace,
    Desi Girl

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    1. Jo moula hain wohin mast hain. Kya baat ki koi saath chala ki nahi. hum to sab ke saath the. Jo chhote so woh chhote hum o safar main hain aaj bhi.

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  2. आप आज भी सफ़र में हैं यह आपका चुनाव है जो छूटे वो उनका चुनाव था किसी ने कोई वादा तो नहीं किया था. सफ़र और मंज़िलें सब ने अपनी अपनी तय कीं.
    Peace,
    Desi Girl

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